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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. परिकल्पना से आप क्या समझते हैं?
2. परिकल्पना का अर्थ बताइए।
3. परिकल्पना की परिभाषा को स्पष्ट कीजिए।
4. परिकल्पना के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
5. रूप परिकल्पना एवं घोषित परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

परिकल्पना का अर्थ
(Meaning of Hypothesis)

परिकल्पना शब्द का अर्थ एक उपकथन से होता है जो समस्या की समाधान की अवधारणा होती है और शोधकर्त्ता उसकी पुष्टि करने का प्रयास करता है। परिकल्पना के कथन का स्वरूप एक व्याख्या के रूप में होता है जो अवलोकन या सिद्धान्तों पर आधारित होता है, जब किसी सम्भावित सिद्धान्त की प्रदत्तों तथा प्रमाणों के आधार पर पुष्टि की जाती है तब उसे परिकल्पना की संज्ञा दी जाती है। शोध की समस्त क्रियायें परिकल्पना पर केन्द्रित होती हैं। परिकल्पना शोध-कर्त्ता को उत्तेजना प्रदान करती है। परिकल्पना की पुष्टि से शोध के निष्कर्ष निकाले जाते हैं परिकल्पना को अंग्रेजी में (Hypothesis) कहते हैं जो दो शब्दों से मिलकर बना है -

हाइपो (Hypo) + थीसिस (Theis) = (Hypothesis) हाइपोथीसिस

हाइपो (Hypo) का अर्थ होता है सम्भावित या जिसकी पुष्टि की जाये, थीसिस का अर्थ होता है समस्या के समाधान का कथन। हाइपोथोसिस का शाब्दिक अर्थ है उस सम्भावित कथन से है जो समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है। परिकल्पना ऐसे समाधान को प्रस्तुत करती है जिसकी पुष्टि प्रदत्तों के आधार पर की जा सके।

शब्द हाइपोथीसिस का अन्य अर्थ यह है - हाइपो का अर्थ है दो या दो से अधिक चरों का सम्मिश्रण, थीसिस का अर्थ उन चरों की स्थिति को प्रदर्शित करना। यह परिकल्पना का व्यावहारिक अर्थ है। परिकल्पना में कुछ चरों का सम्मिश्रण करने उनकी स्थिति का प्रदर्शित किया जाता है। इस सम्मिश्रण तथा स्थिति की पुष्टि प्रदत्तों या प्रामाणों के आधार पर करना सम्भव होता है। प्रत्यात्मक तत्वों के सम्बन्ध में एक अवधारणा मात्र होती है। यह समस्या का समाधान बड़ी सूझ-बूझ के साथ प्रतिपादित किया जाता है।

परिकल्पना को सम्भावित समाधान या सिद्धान्त भी कहा जाता है। इस कथन को अस्थायी रूप से सही मानकर इसकी पुष्टि का प्रयास किया जाता है। किसी शोध-प्रक्रिया के नियोजन के लिये दिशा तथा आधार प्रदान करता है।

परिकल्पना की परिभाषा
(Definition of Hypothesis)

परिकल्पना की अनेक परिभाषायें दी गयी हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाओं को यहाँ दिया गया है, वे इस प्रकार हैं-

जेम्स ई. ग्रीटन के अनुसार- "परिकल्पना सम्भावित माना हुआ समस्या का हल होता है जिसकी व्याख्या उस परिस्थिति से निरीक्षण के आधार पर की जा सकती है।"

"Hypothesis is a tentative supposition or provisional guess which seems and explains the situation under observation."  -J. E. Greeton.

लगंवर्ग के अनुसार - "परिकल्पना का सम्भावित समाजीकरण होता है जिसकी वैधता की जाँच की जाती है। इसकी प्राथमिक अवस्था एक काल्पनिक समाधान के रूप में होता है। जो बाद में शोध कार्यों का आधार हो जाता है। "

"A Hypothesis is a tentative generalization, the validity of which remains to be tested. It is most elementary stage the hypothesis may be any hunch, guess, imagination idea which becomes the basis further investigation."

 

जॉन डब्लू बेस्ट के अनुसार - "परिकल्पना एक विचार युक्त कथन है जिसका प्रतिपादन किया जाता है और अस्थायी रूप से सही मान लिया जाता है और निरीक्षण व प्रदत्तों के आधार पर, तथ्यों पर तथा परिस्थितियों के आधार पर व्याख्या की जाती है जो आगे शोध कार्यों को निर्देशन देता है।"

"It is a shrewed guess or inference that is formulated and provisionally adopted to explain observed facts or conditions and to guide in further investigation." - John W. Best

आर. डी. क्रेमीकियल के अनुसार - "वैज्ञानिक चिन्तन प्रक्रिया के निर्देशन के लिये परिकल्पनाओं का प्रयोग करता है। जब अपने अनुभवों से यह विदित होता है कि एक तथ्य अन्य तथ्यों के साथ निरन्तर दिखलाई देता है तब हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि वे परस्पर सम्बन्धित हैं और हम इस सम्बन्ध के बारे में एक परिकल्पना का प्रतिपादन करते हैं।"

"Scientists employ hypothesis in guiding the thinking process. When our experience tells us that a given phenomenon follows regularly upon the appearance of certain other phenomenon follows regularly upon the appearance of certain other phenomena, we conclude that the former is connected with the latter by some sort of relationship and we form a hypothesis concerning this relationship."

गुड तथा हैट के अनुसार - "एक परिकल्पना वह बात कहती है जिसे हम आगे सोचते हैं। परिकल्पना सदैव आगे को देखती है। यह एक साध्य होती है जिसकी वैधता हेतु परीक्षण किया जाता है। यह सत्य सिद्ध हो सकती है और नहीं भी हो सकता है।"

"A Hypothesis states what we are looking forward. A hypothesis looks forward. It is a proposition which can be put to a test to determine its validity. It is a proposition which can be put to a test to determine its validity. It may prove to be correct or incorect." - Good & Hatt

ब्रुस डब्लू. टक्सन के अनुसार - "परिकल्पना की परिभाषा अपेक्षित घटना के रूप में की जा सकती है जो चरों के माने हुए सम्बन्ध का सामान्यीकरण होता है।"

'A Hypothesis then could be defined as an expectation about events based on generalization of the assumed relationship between variables."

परिकल्पना दो या दो से अधिक चरों के सम्बन्ध का सम्भावित कथन होता है। यह हमेशा घोषणात्मक कथन के रूप में प्रतिपादित किया जाता है जो चरों के सामान्या या विशिष्टता को प्रकट करता है।

एम. वर्मा के अनुसार - "परिकल्पना किसी सिद्धान्त का वह रूप है जिसे एक परीक्षण योग्य तर्क साध्य के रूप में लिखते हैं और जिसकी स्पष्ट रूप से प्रदत्तों के आधार पर या प्रयोगात्मक निरीक्षणों के आधार पर पुष्टि की जा सकती है।"

"A Theory when stated as a testable proposition formally and clearly and subjected - M. Varma to empirical or experimental varification is known as a hypothesis."

गुड बार तथा स्केट के अनुसार - "परिकल्पना एक ऐसा कथन होता है जिसे अस्थायी रूप से सही मान लेते हैं जोकि परिचित तथ्यों से सम्बन्धित होता है। जिसका उपयोग शोध की क्रियाओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से नये सत्यों की खोज की जाती है। परिकल्पना की पुष्टि हो जाती है तब उससे नए तथ्यों, नियमों और सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जाता है।"

जार्ज जे. मुले के अनुसार- "परिकल्पना एक अवधारणा या साध्य होती है जिसकी पुष्टि प्रदत्तों या प्रायोगात्मक निरीक्षणों के आधार पर की जाती है तथा पूर्व ज्ञान के आधार पर उसका औचित्य प्रगट किया जाता है।"

परिकल्पना की एक कथन के रूप में परिभाषा की जा सकती है जो दो या दो से अधिक चरों का सम्भावित सह-सम्बन्ध प्रगट करता है। यह सह-सम्बन्ध सामान्य तथा व्यावहारिक (Causal) दोनों प्रकार का हो सकता है। इसकी पुष्टि भी की जाती है।

परिकल्पनाओं के प्रकार
(Types of Hypothesis)

परिकल्पनायें रूप तथा सन्दर्भ के आधार पर कई तरह की होती हैं। परिकल्पना का रूप उसके कार्य के अनुसार पर निर्धारित किया जाता है। व्यावहारिक परिकल्पना एक ऐसे सम्भावित हल को प्रकट करती है जिसकी स्पष्टता के लिए प्रमाण या प्रदत्त उपलब्ध होते हैं। इसके अतिरिक्त सांख्यिकीय विश्लेषण अन्य प्रकार की परिकल्पना की जरूरत होती है।

साधारणत: परिकल्पनायें चार प्रकार की होती हैं-

(अ) प्रश्न के रूप में (Question Form),
(ब) घोषित कथन (Declarative),
(स) दिशायुक्त कथन ( Direction Statement) तथा
(द) दिशाविहीन (Non-directional)

इन परिकल्पनाओं का वर्णन यहाँ किया गया है

(अ) प्रश्न रूप परिकल्पना ( Questions Form) - कुछ विद्वानों की यह विचारधारा है कि परिकल्पनाओं को प्रश्न के रूप में लिखना चाहिए, परन्तु इस सम्बन्ध में जनसाधारण की सहमति नहीं है। एक उत्तम परिकल्पना सरलतापूर्वक प्रदत्त संकलन को प्रदर्शित करना चाहिए। वास्तव में परिकल्पना की अधिकांश परिभाषा में इस तथ्य को महत्व नहीं दिया जाता है। प्रश्न रूप परिकल्पना में विशिष्टीकरण होता है और नहीं भी होता है। इस प्रकार की परिकल्पनाओं का प्रयोग आसान शोध कार्यों में प्रयोग किया जाता है। इनका रूप इस प्रकार का होता है कि इन्हें निरस्त भी किया जा सकता है तथा मंजूरी भी दी जा सकती है। इसका उदाहरण अधोलिखित है-

परिकल्पना क्या पुनर्बलन के प्रारूप और बर्हिमुखी व्यक्तित्व का अधिगम उपलब्धि पर सार्थक प्रभाव होता है।

 

(ब) घोषित परिकल्पना (Declarative Hypothesis) - घोषित परिकल्पना में चरों के सह-सम्बन्ध की घोषणा की जाती है। पहले अपेक्षित सह-सम्बन्ध तथा चरों के अन्तर को परिकल्पना घोषित कथन के रूप में विकसित की जाती है. पहले अपेक्षित अन्तर का विश्वास उपलब्ध प्रमाणों तथा अनुभवों के आधार पर किया जाता है। इसका उदाहरण अधोलिखित है -

परिकल्पना - पुनर्बलन के प्रारूप और बहुर्मुखी व्यक्तित्व का अधिगम उपलब्धि पर सार्थंक प्रभाव होता है।

इस परिकल्पना में स्वतन्त्र तथा आश्रित चरों की भूमिका के सम्बन्ध में घोषणा की गई है। चर पर सार्थक प्रभाव को प्रकट किया है। प्रदत्तों के आधार पर इसकी पुष्टि होती है तथा शोध का प्रारूप विकसित किया जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

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